‘जल चौकी’ से रखेंगे गतिविधियों पर नजर

‘जल चौकी’ से रखेंगे गतिविधियों पर नजर
वन विभाग की पहल पर जिले से गुजर रही नर्मदा नदी के किनारे पर दो “जल चौकी” स्वीकृत की गई है। जल चौकी स्थापित होने के बाद बोट से नर्मदा नदी में पेट्रोलिंग की जाएगी। इसका मुख्य उद्देश्य वन क्षेत्र में नर्मदा किनारे चल रही अवैध वन कटाई को रोकना व नर्मदा के जलीय जीवों मुख्य रूप से मगरमच्छों पर निगाह रखना है। मंगलवार को विभाग के खंडवा के मुख्य वन संरक्षक (सीसीएफ) पंकज श्रीवास्तव ने जल चौकी के लिए प्रस्ता...
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यमुना में 80 फीसदी गंदगी दिल्ली की देन 15 साल लगेगें साफ करने में – उमा भारती

यमुना में 80 फीसदी गंदगी दिल्ली की देन 15 साल लगेगें साफ करने में – उमा भारती
देश की राजधानी दिल्ली से होकर गुजरने के दौरान यमुना लदी सर्वाधिक 80 फीसदी गंदी हो जाती है जहां 18 नाले भारी मात्रा में राजधानी के जलमल को यमुना नदी में छोड़ते है। केंद्र सरकार ने गुरुवार को इस स्थिति पर चिंता जाहिर की साथ ही कहा कि मौजूदा रफ्तार के साथ यमुना नदी को साफ करने में अभी और 15 साल का समय लगेगा। जल संसाधन, नदी विकास एंव गंगा संरत्रण मंत्री उमा भारती ने लोकसभी में प्रश्नकाल के दौरैन ...
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जल, जंगल, जमीन बचाने 74 गांवों में 6 करोड़ खर्च

जल, जंगल, जमीन बचाने 74 गांवों में 6 करोड़ खर्च
वनांचल क्षेत्र के 74 गांवों में जल व भूमि संरक्षित करने तीन-चार वर्षों में 6 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। एकीकृत जल ग्रहण क्षेत्र प्रबंधन कार्यक्रम के तहत जिले के 47 ग्राम पंचायतों में 5 परियोजनाओं के माध्यम से जल, जमीन और जंगल संरक्षित करने विविध विकास कार्य कराए गए है। इन पंचायतों में विभिन्न कार्यों के लिए संचालित 5 परियोजनाओं में 26 करोड़ रुपए से अधिक की राशि प्रोजेक्ट के लिए स्वीकृत है। जल स...
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यमुना में बढ़ा पानी , पैमाना 110 मीटर के पार

यमुना में बढ़ा पानी , पैमाना 110 मीटर के पार
यमुना नदी में पानी ने एक बार फिर से बढ़त बनानी शुरू कर दी है। बुधवार शाम को 108 मीटर पर ठहरे जलस्तर ने गुरुवार सुबह 110 का पैमाना पार कर लिया था। वहीं पानी का बहाव खतरे के निशान से सिर्फ 2.70 मीटर दूर ही रह गया है। पानी के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए जिला प्रशासन भी सर्तक हो गया है। वहीं केंद्रीय जल आयोग के कर्मियों का कहना है कि यमुना में बरसात के पाने के कारण जलस्तर बढ़ रहा है। उन्होंने जल्द ही...
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बिजली, पानी व पहुंचमार्ग को तरस रहे पित्तेगुडूमवासी

बिजली, पानी व पहुंचमार्ग को तरस रहे पित्तेगुडूमवासी
कांकेर जिले के दुर्गूकोंदल विकासखंड के अंतर्गत पित्तेगुडूम गांव के ग्रामीण मूलभूति सुविधाओं को तरस रहे हैं। शासन की योजनाएं यहां तक नहीं पहुंचतीं। इस गांव में न तो बिजली पहुंची है, न ही पेयजल की कोई स्थायी व्यवस्था। गांव में एक भी तालाब नहीं है, न ही पहुंचमार्ग। हैंडपंप भी तीन माह से बिगड़ा पड़ा है। आंगनबाड़ी नहीं होने से नौनिहाल उसके लाभ से वंचित हैं। अंदरूनी इलाका होने के कारण यहां कोई बड़ा अधिकारी ...
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