वन विभाग की पहल पर जिले से गुजर रही नर्मदा नदी के किनारे पर दो “जल चौकी” स्वीकृत की गई है। जल चौकी स्थापित होने के बाद बोट से नर्मदा नदी में पेट्रोलिंग की जाएगी। इसका मुख्य उद्देश्य वन क्षेत्र में नर्मदा किनारे चल रही अवैध वन कटाई को रोकना व नर्मदा के जलीय जीवों मुख्य रूप से मगरमच्छों पर निगाह रखना है। मंगलवार को विभाग के खंडवा के मुख्य वन संरक्षक (सीसीएफ) पंकज श्रीवास्तव ने जल चौकी के लिए प्रस्तावित स्थलों का निरीक्षण किया।
उल्लेखनीय है अंचल में नर्मदा के तटों पर अवैध कटाई की लकड़ी सहित अवैध शराब व गौवंश परिवहन का गोरखधंधा भी चलता है। जल चौकी स्थापित होने व बोट के माध्यम से पेट्रोलिंग गश्त शुरू होने से इन अवैध गतिविधियों पर भी रोक लग सकेगी। वहीं सरदार सरोवर बांध परियोजना के चलते नर्मदा के पानी में स्थिरता आने से जिले में मगरमच्छों की हलचल बढ़ी है। इस पर भी वन विभाग नजर रख सकेगा। जल चौकी पर पदस्थ होने वाले स्टाफ को विशेष ट्रेनिंग भी दी जाएगी।
लाखों की लकड़ी पकड़ी
डीएफओ ब्रजेंद्र झा ने बताया कि जिले के बोरखेड़ी व तुवरखेड़ा में जल चौकी स्वीकृत हुई है। गश्त के लिए दो बोट ऑर्डर की जा चुकी है। प्रत्येक बोट पर चालक सहित कुल 6 कर्मी तैनात रहेंगे। सीसीएफ श्री श्रीवास्तव ने बताया कि सबकुछ ठीक रहा तो जल्द ही विभाग की बोट नर्मदा में गश्त शुरू कर देगी।
खंडवा जिले में इंदिरा सागर परियोजना क्षेत्र में जल चौकी स्थापित करने से मिले परिणामों को देखते हुए यहां भी चौकी स्थापित करने का निर्णय लिया है। खंडवा जिले में जल चौकी के माध्यम से अब तक 11-12 लाख की लकड़ी पकड़ी जा चुकी है वहीं बड़ी संख्या में पेड़ कटने से रोके गए हैं।