यमुना में बढ़ा पानी , पैमाना 110 मीटर के पार

यमुना नदी में पानी ने एक बार फिर से बढ़त बनानी शुरू कर दी है। बुधवार शाम को 108 मीटर पर ठहरे जलस्तर ने गुरुवार सुबह 110 का पैमाना पार कर लिया था। वहीं पानी का बहाव खतरे के निशान से सिर्फ 2.70 मीटर दूर ही रह गया है। पानी के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए जिला प्रशासन भी सर्तक हो गया है।

वहीं केंद्रीय जल आयोग के कर्मियों का कहना है कि यमुना में बरसात के पाने के कारण जलस्तर बढ़ रहा है। उन्होंने जल्द ही पानी कम होने की संभावना जताई है।

आसपास क्षेत्रों में रूक-रूक कर हो रही बरसात के कारण यमुना में जलस्तर बढ़ गया है। बुधवार सुबह तक 108 की स्थिरता को छोड़ जलस्तर शाम चार बजे 109.50 के पैमाने पर पहुंच गया था।

वहीं रात में हुई बढ़ोत्तरी के बाद गुरुवार सुबह 10 बजे यमुना के जलस्तर ने पैमाने पर 110 का निशान छू लिया था, जो गुरुवार शाम तक 110.30 मीटर तक पहुंच गया है। इससे अब यमुना में जलस्तर निर्धारित 113 मीटर खतरे के निशान से सिर्फ 2.70 मीटर ही नीचे रह गया है।

वहीं अचानक जलस्तर बढ़ने से आसपास का खाली क्षेत्र पानी से सराबोर हो गया है। शमशान घाट पर लोगों के बैठने को विचित्र पहल संस्था की अगुवाई में बनवाए गए राम झरोखा की प्राचीर अब पूरी तरह से पानी में समा चुकी है। शेरगढ़ घाट पर स्नान घाट की दिख रही प्राचीर भी पानी में पूरी तरह से डूब गई है।

पानी के बढ़ जाने से यमुना में इधर-उधर से बहकर आने वाली मछलियों की अधिकाधिक संख्या होने से मछुवारों को इसका लाभ मिल रहा है।

हालत यह है कि यमुना किनारे बसे गांवों के बच्चों से लेकर बड़े तक पानी में जाल व कांटा डालकर मछलियों का शिकार कर रहे हैं। यमुना में बढ़े पानी को देखते हुए तथा केंद्रीय जल आयोग से संपर्क के बाद जिला प्रशासन भी किसी भी स्थिति से निपटने को मानसिक रूप से तैयार हो चुका है।

वहीं केंद्रीय जल आयोग के कर्मचारी यमुना में बढ़े जलस्तर के शुक्रवार सुबह तक कम होने की संभावना जता रहे हैं।