जल, जंगल, जमीन बचाने 74 गांवों में 6 करोड़ खर्च

वनांचल क्षेत्र के 74 गांवों में जल व भूमि संरक्षित करने तीन-चार वर्षों में 6 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। एकीकृत जल ग्रहण क्षेत्र प्रबंधन कार्यक्रम के तहत जिले के 47 ग्राम पंचायतों में 5 परियोजनाओं के माध्यम से जल, जमीन और जंगल संरक्षित करने विविध विकास कार्य कराए गए है। इन पंचायतों में विभिन्न कार्यों के लिए संचालित 5 परियोजनाओं में 26 करोड़ रुपए से अधिक की राशि प्रोजेक्ट के लिए स्वीकृत है।

जल संरक्षित करने और भूमि का कटाव रोकने एकीकृत जल ग्रहण क्षेत्र प्रबंधन कार्यक्रम संचालित है, जिसके तहत जिले के 47 ग्राम पंचायतों के 74 गांवों में 5 परियोजनाओं के माध्यम से काम चल रहा है। पांच परियोजनाओं में पांच साल के लिए गांवों में जल और भूमि संरक्षित करने के लिए करीब 26 करोड़ रुपए स्वीकृत है, जिसमें से अब तक इन गांवों में जल संरक्षित करने के लिए तालाब निर्माण, सिंचाई नाला, नए स्टापडैम, तालाबों का जीर्णोद्घार, स्टापडैम आदि कार्य करने के लिए 6 करोड़ रुपए खर्च कर चुके हैं। वहीं भूमि का कटाव रोकने भूमि समतलीकरण, स्टेगर्ड कन्टूर ट्रेंच, कन्टूर पाल, बंड, ग्रेडेड बडिंग, चेक वाल, मिट्टी बंड समेत 48 प्रकार के कार्य कराए जा रहे हैं। यह कार्य गांवों में गठित माइक्रो समिति द्वारा कराया जाता है।

ग्रामीणों को कई सुविधाएं

जिले में 8 परियोजनाएं है, जिसमें 5 संचालित है और 3 बंद है। संचालित परियोजनाओं में धमतरी में महानदी आर परियोजना, कुरुद में फूटासार नाला परियोजना, मगरलोड में पैरी महानदी परियोजना, नगरी में सियारीनाला और अंगिरा ऋ षि परियोजना संचालित है। जिसके तहत 74 गांव और 47 ग्राम पंचायतों में विविध कार्य चल रहे हैं, जिससे सीधा फायदा ग्रामीणों को हो रहा है। स्टापडैम बनने से किसानों को कृषि कार्य में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध हो रही है। तालाब व स्टापडैम बनने से क्षेत्र का जलस्तर अच्छा बना रहता है। साथ ही भूमि कटाव नहीं होने से पेड़-पौधे सुरक्षित है। पर्यावरण बचाने के लिए यह कार्यक्रम कारगर साबित हो रही है। धमतरी परियोजना के लिए 8 करोड़ 40 लाख स्वीकृत है। कुरुद के लिए 6 करोड़ 90 लाख, मगरलोड के लिए 3 करोड़ 88 लाख 92 हजार, सियारीनाला नगरी के लिए 3 करोड़ 18 लाख 36 हजार रुपए और अंगिरा ऋषि परियोजना नगरी के लिए 4 करोड़ 10 लाख रुपए स्वीकृत है। स्वीकृत राशि से क्षेत्र में पांच सालों तक कई कार्य कराए जाएंगे।