About Jaladhikar

जलाधिकार  एक गैर-सरकारी संगठन है, जो जल के निजीकरण, व्यवसायिकरण के खिलाफ और इसके संरक्षण एवं समुचित उपभोग के लिए कार्य करती है।

पानी जीवन है यह सब  जानते हैं। सृष्टि की रचना के साथ ही प्रकृति ने हमें निर्बाध रूप से जीवन के निर्वाह हेतु हवा, पानी व प्रकाश प्रचुरता में उपलब्ध कराया है। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया है कि जीवन को जीने के लिये इनके किसी भी प्रारूप को बदलने की आवश्यकता नहीं है।

हमारा दृढ़ विश्वास है कि इन प्राकृतिक संसाधनों पर जो जीवन तत्व है, केवल प्रकृति का ही अधिकार है।  दुर्भाग्यवश आज के इस भौतिक युग में हमने हर वस्तु का व्यवसाय व निजीकरण शुरू कर दिया है। ऐसा तय करने से पहले हम यह भी विचार नहीं करते कि हम उस वस्तु के मालिक भी हैं या नहीं। सरकार जनता से अपेक्षा करती है कि वह संविधान का पालन करे लेकिन सरकार खुद प्रकृति के संविधान की अवहेलना कर रही है। प्राणी मात्र के लिए जल की निःशुल्क व्यवस्था करने के बजाए सरकार इसके अंधाधुंध व्यवसायीकरण को बढ़ावा दे रही है।

पिछले कुछ समय से हम सब जलाधिकार  के तत्वाधान में समाज के विभिन्न लोगों से पानी के विषय पर चर्चा कर रहे हैं।

सब लोगों ने यह महसूस किया कि राष्ट्रीय स्तर पर पानी के सभी पहलुओं पर एक स्वतंत्र एवं निष्पक्ष विमर्श करते हुये एक ऐसा आंदोलन खड़ा किया जाये जिससे सरकार बिना किसी परिचर्चा के जो अपनी मनमानी नीतियां ऐसे महत्वपूर्ण विषय पर लागू कर रही है को रोका जा सके।

जलाधिकार का मानना है कि प्रकृति के इस अनमोल रत्न को सरकार सब तक पहुंचाने की निःशुल्क व्यवस्था कर अपने दायित्व का निर्वहन करें। हमारे संविधान के तहत भी ऐसी ही व्यवस्था की संकल्पना की गयी है। जलाधिकार ने जन जागरण हेतु सामूहिक परिचर्चा, सांकेतिक उपवास, नुक्कड़ नाटक, पदयात्रा व चित्रकला प्रतियोगिता आदि जैसे अब तक विभिन्न प्रयास किये हैं और आगे भी किया जाता रहेगा।