बिजली, पानी व पहुंचमार्ग को तरस रहे पित्तेगुडूमवासी

कांकेर जिले के दुर्गूकोंदल विकासखंड के अंतर्गत पित्तेगुडूम गांव के ग्रामीण मूलभूति सुविधाओं को तरस रहे हैं। शासन की योजनाएं यहां तक नहीं पहुंचतीं। इस गांव में न तो बिजली पहुंची है, न ही पेयजल की कोई स्थायी व्यवस्था। गांव में एक भी तालाब नहीं है, न ही पहुंचमार्ग। हैंडपंप भी तीन माह से बिगड़ा पड़ा है। आंगनबाड़ी नहीं होने से नौनिहाल उसके लाभ से वंचित हैं। अंदरूनी इलाका होने के कारण यहां कोई बड़ा अधिकारी भी नहीं पहुंचता। इसके चलते ग्रामीण भी परेशान हैं कि आखिर वे अपनी शिकायत करें भी तो किससे।

ग्रामीण मीरूराम सलाम, सहदेव सलाम, रामप्रसाद कोवाची, लेखराम नरेटी, सून्हेर नरेटी, जगन्नाथ सलाम, मंगोतीन सलाम, नसी बाई नरेटी, बैसो नरेटी आदि ने बताया कि गांव के लोगों को बिजली से लेकर पानी तक के लिए वंचित होना पड़ रहा है। गांव में बिजली आज तक नहीं पहुंची है। इससे रात अंधेरे में ही गुजरती है। बारिश के दिनों में सांप, बिच्छू का भय बना रहता है। गांव तक पहुंचमार्ग भी नहीं बन पाया है। गांव में एक भी तालाब नहीं है। जानवरों की निस्तारी के लिये भ्ीा पानी नहीं मिल पा रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि गांव में पहुंचमार्ग नहीं होने से उन्हें 10 से 15 किमी दूर अतिरिक्त पगडंडी मार्ग से पैदल आवागमन करना पड़ता है। इससे काफी परेशानी होती है। बारिश के दिनों में दिक्कत और बढ़ जाती है। रास्ते में पड़ने वाले नाले व जंगल के कारण कई बार मरीजों को ले जाना मुश्किल होता है। आपात स्थिति में तो जान ही चली जाती है।

ग्रामीणों ने बताया कि गांव में आंगनबाड़ी नहीं है। इसके कारण बच्चों का पूरा दिन घर में व उसके आसपास ही खेलते-कूदते बीतता है। इससे उनकी शुरुआती पढ़ाई नहीं हो पा रही है। वहीं शासन की योजनाओं के तहत पोषण आहार सहित अन्य लाभ से भी बच्चे वंचित हैं। सबसे ज्यादा नुकसान कुपोषित बच्चों को हो रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि गांव में पांच नल हैं जिनमें से मात्र एक ही नल गांववालों की प्यास बुझाता है। इन पांच नलों में से तीन नल वन विभाग का है, जो बिगड़े हुए हैं। नल बिगड़ने की सूचना मिलने पर विभाग के कर्मचारी जब भी बनाने आते हैं तो पैसा मांगते हैं। जब-जब नल बिगड़ता है तब-तब पैसा लेते हैं। आज तक नल के पीछे लगभग तीस हजार रुपए खर्च कर चुके हैं। आज भी गांव का दो नल खराब है जिसे बनवाने के लिये उनके पास पैसा भी नहीं है। इसके चलते विभाग को सूचना नहीं दे पा रहे हैं।