पानी पर खतरे की घंटी सुनना जरुरी

भूमिगत जलस्रोतों को कभी अक्षय भंडार माना जाता था, लेकिन ये संचित भंडार अब सूखने लगे हैं। पिछले 50-60 बरस में डीजल और बिजली के शक्तिशाली पम्पों के सहारे खेती, उद्योग और शहरी जरूरतों के लिए इतना पानी खींचा जाने लगा है कि भूजल के प्राकृतिक संचय और यांत्रिक दोहन के बीच का संतुलन बिगड़ गया और जलस्तर नीचे गिरने लगा। केंद्रीय तथा उत्तरी चीन, पाकिस्तान के कई हिस्से, उत्तरी अफ्रीका, मध्यपूर्व तथा अरब देशों में यह समस्या बहुत गंभीर है, लेकिन भारत की स्थिति भी कम गंभीर नहीं है। पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी ...
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पानी की कमी का असर दिमाग पर

जल ही जीवन है यह हम सभी जानते हैं। पानी की एक और खूबी अब वैज्ञानिकों ने खोज ली है। एक नए अध्ययन में कहा गया है कि जब आप अपने आपे से बाहर हों तो पानी आपको शांति दे सकता है। यूनिवर्सिटी ऑफ कनेक्टिकट के अनुसंधानकर्ताओं का दावा है कि शरीर में पानी की थोड़ी भी कमी होने से मिजाज पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है और महिलाओं में यह बात खासतौर पर देखी जा सकती है। डेली मेल की खबर के मुताबिक अध्ययन कहता है कि पानी से किसी का मिजाज, ऊर्जा का स्तर और सही तरीके से सोचने की क्षमता बदल सकती है। अनुसंधानकर्ता प...
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देश के जलाशयों में सिर्फ 16 फीसदी पानी बचा : जल आयोग

नई दिल्ली: बढ़ती हुई गर्मी और ठहरे हुए मॉनसून के बीच देश के बांधों में पानी के स्तर को लेकर खतरे की घंटी बज गई है। देश के कई बड़े जलाशयों में सिर्फ 16 फीसदी पानी बचा है। ये चिंता किसी और ने नहीं बल्कि देश के केंद्रीय जल आयोग ने जताई है। आयोग की ताज़ा रिपोर्ट बता रही है कि देश के कई बड़े बांधों में पानी लगातार घट रहा है। जल आयोग के मुताबिक देश के कई बड़े जलाशयों में सिर्फ 16 फीसदी पानी बचा है। बीते साल के मुकाबले 84 सबसे बड़े बांधों में बस औसत के मुकाबले 62 फीसदी पानी है। कर्नाटक के जलाशयों में औ...
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खतरे के दौर से गुजर रहीं हैं बड़ी नदियां

वैश्विक धारा के प्रवाह को लेकर हुए एक व्यापक अध्ययन के अनुसार दुनिया के सर्वाधिक आबादी वाले कुछ क्षेत्रों में नदियां अपना पानी खो रहीं हैं. अमेरिका के नेशनल सेंटर फॉर एटमॉस्फेयरिक रिसर्च के वैज्ञानिकों के नेतृत्व हुए इस अध्ययन के मुताबिक कई मामलों में प्रवाह के कम होने की वजह जलवायु परिवर्तन से जुड़ी हुई है. इस अध्ययन के नतीजे 15 मई के अमेरिकन मेट्योरोलॉजिकल सोसायटी के जर्नल में प्रकाशित किए जाएंगे. 1948 से 2004 के बीच धाराओं के प्रवाह की जांच के बाद वैज्ञानिकों ने पाया कि दुनिया की एक तिहाई ...
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Privatization of water in Delhi

 The Inside Story Delhi government is held bent on Privatization on Water. Earlier it had floated four tenders for amounting to Rs approx. 1100 crores for namely four areas Nangloi (Rs 788 cr), Malviya nagar (Rs 172 cr), Vasant vihar (Rs 142 cr), Mehrauli (Rs 69 cr). These tenders floated for improvement and reverifying of existing water supply, transmission and Distribution of existing network to improve deficiency of water distribution network. To meet these expenses DJB enhanced its budget...
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