जल अदालत – जलाधिकार

जल अदालत
जलाधिकार एवं नोएडा आरडब्लयूए पानी बिलों के खिलाफ संघर्ष के राह पर
जलाधिकार (स्वयंसेवी संगठन) के तत्वाधान में नोएडा के विभिन्न सेक्टरों के निवासी कल्याण संघों (आरडब्लयूए) के प्रतिनिधियों की एक विशाल सभा में यह निर्णय लिया गया कि नोएडा प्राधिकरण के द्वारा हाल ही में नोएडा के निवासियों को लाखों एव हजारों के पानी के बिलों का भुगतान न करने का निर्णय लिया गया। जलाधिकार के अध्यक्ष श्री गोपाल अग्रवाल ने लोगों को आगाह किया कि सरकार पेयजल की कमी का बहाना बनाकर जल संसाधनों का निजीकरण करना चाहती है ताकि आने वाले समय में पानी का व्यवसायीकरण कर आम जनता के उपर भारी शुल्क लगाया जा सके। इस सारे प्रकरण में सरकार एवं कॉरपोरेट जगत की सांठगांठ की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। जल प्रकृति के द्वारा मानव एवं जीव-जगत को अमूल्य उपाहार है। पानी की तिजारत करना अनैतिक एवं अमानवीय है। देश के सतर करोड़ जनता जिसे दो जून की रोटी भी ठीक से मयस्सर नहीं है उस पर पानी का शुल्क लगाना तुगलकी फरमान है। अगर आज सरकार को यहीं रोका नहीं गया तो आगे आने वाले वर्षों में इस देश में 2जी तथा कोयला घोटाले की तरह पानी घोटाले की भी संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।
नोएडा के सभी आरडब्लयूए संगठनों के फेडरेशन ‘’फूनर्वा’’ के अध्यक्ष श्री एम. पी. सिंह ने अपने वकतव्य में कहा कि नोएडा में प्राधिकरण द्वारा विषाक्त एवं अशुद्ध जल की सप्लाई की जा रही है। कई सेक्टरों में पूरे दिन में मुश्किल से एक घंटा पानी आता है। ऐसी हालत में प्राधिकरण द्वारा पिछले पंद्रह सालों का लाखों का बिल मांगा जाना न केवल हास्यास्पद है बल्कि गैरकानूनी भी। ऐसा प्रतीत होता है कि नोएडा में जल माफिया एवं प्राधिकरण के अधिकारियों के बीच कोई मिलीभगत या सांठगांठ है। जिसके कारण सात से सतर प्रतिशत पेयजल प्राधिकरण के द्वारा न देकर जल माफियायों के द्वारा महंगे कीमत पर घरों में दिया जाता है। जिसके कारण आम जनता को नित्य की आवश्यकताओं के लिए भारी कीमत चुकानी पड़ती है। दूसरी तरफ प्राधिकरण के मनमाने शुल्क, दंड एवं ब्याज के कारण जनता त्रस्त है। इस कार्यक्रम में निम्नलिखित प्रस्ताव पारित किये गये।
1. वर्तमान बिल में लगाये पेनाल्टी और ब्याज पूर्ण रुप से हटाएं जाएं
2. बिल का पेमेंट छह इंस्टॉलमेंट में तीन सालों में देने का मौका मिले
3. जल पदाधिकारी हर सेक्टर में कैंप लगाएं और वहां के निवासियों की जल आधारित समस्याओं का निदान करें
4. जल विभाग अपने सारे खाते को पारदर्शी बनाते हुए अपने वेबसाइट पर आय और व्यय सार्वजनिक करे
5. सार्वजनिक स्थानों जैसे मेट्रो, बस डिपो, सरकारी कार्यालयों, अस्पतालों, चौराहों आदि पर पीने योग्य पानी की नि:शुल्क व्यवस्था की करे
6. जल संरक्षण के मापदंड को बेहतर बनाया जाय और उसे पूरी सख्ती से लागू की जाय
7. एक अनुमान के अनुसार नोएडा स्थित सात हजार इकाइयों में सिर्फ 76 इकाईयों में रेनहार्वेस्टिंग संयंत्र लगाया गया है। इन सभी इकाईयों में यह संयंत्र लगवाना सुनिश्चित किया जाय। ऑथिरीटी द्वारा 100 वर्ग गज से ज्यादा बने परिसरों में रेनहार्वेस्टिंग प्रणाली को सख्ती से लागू किया जाय।
8. सीवेज ट्रीटमेंट का यथोचित प्रावधान किया जाय।
9. पीने योग्य पानी ऑथिरिटी सभी घरों पर नि:शुल्क पहुंचाए।
10. नोएडा ऑथिरिटी यह आश्वासन दे कि भविष्य में किसी भी हालत में पीने का पानी का निजीकरण एवं व्यवसायी नहीं किया जाएगा।
अंत में जलाधिकार के राष्ट्रीय महामंत्री श्री कैलाश गोदुका ने धन्यवाद प्रस्ताव पारित किया । इस कार्यक्रम में सर्वश्री ओ. पी. गोयल, के. के जैन, एसपी चौहान, अनिल मिश्रा, हरीश वर्मा, राघवेन्द्र दुबे, नंदकिशोर सोलंकी, मेनपाल यादव, ए एन धवन, अनिल वर्मा, अलका अरो़ड़ा आदि ने अपने विचार व्यक्त किये।